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Friday, May 11, 2012

जॉर्ज एलिअत - खोया हुआ एक दिन


खोया हुआ एक दिन
( जॉर्ज एलिअत )

अगर आप सूर्यास्त के समय बैठ कर ,
विचार करते हैं अपने किये पर
और गिनती में पाते हैं
स्वयं को वंचित कर किया हुआ एक कार्य ,एक शब्द
जिसने सांत्वना दी उसे जिसने सुना वो शब्द
और डाली एक निगाह करुणा से भरी
जो जहाँ भी गिरी सूर्य किरण के समान
तो आप गिनिये कि आपने बिताया एक अच्छा दिन श्रीमान  

लेकिन अगर आपने पूरे एक दिन में रह  के
किसी के ह्रदय को नहीं दी प्रसन्नता , हाँ या ना कह के
और अगर पूरे दिन भर
आपने कुछ ऐसा नहीं किया , जो याद आये
जो किसी के चेहरे पर किरणों सी  मुस्कराहट  लाये
और कोई छोटा सा कार्य
जिसने किसी की मदद कीबिना कुछ दिए 
तो फिर उसे एक अर्थहीन बुरा दिन समझिए  

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Count That Day Lost by George Eliot


If you sit down at set of sun
And count the acts that you have done,
And, counting, find
One self-denying deed, one word
That eased the heart of him who heard,
One glance most kind
That fell like sunshine where it went --
Then you may count that day well spent.

But if, through all the livelong day,
You've cheered no heart, by yea or nay --
If, through it all
You've nothing done that you can trace
That brought the sunshine to one face--
No act most small
That helped some soul and nothing cost --
Then count that day as worse than lost. 

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